हरियाणा: मजदूरों के पलायन पर लगी रोक, जबरदस्ती करने वाले नपेंगे, खोले गए 129 राहत-आश्रय गृह

हरियाणा में बाहरी मजदूरों के पलायन पर रोक लगा दी गई है। सभी अंतरराज्यीय और अंतर-जिला सीमाएं अगले आदेशों तक सील रहेंगी। जो जहां है, उसे वहीं रोककर रखा जाएगा, कहीं जाने की अनुमति हरगिज नहीं दी जाएगी। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से डीसी और पुलिस अधीक्षकों को बंद का कड़ाई से पालन कराने के निर्देश दिए हैं।


सीएम ने कहा है कि पलायन कर रहे लोगों के लिए वहीं पर रिलीफ कैंप स्थापित कर उनके खाने-पीने और रहने की व्यवस्था की जाए और अगर फिर भी कोई जबरदस्ती करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। रिलीफ कैंप के लिए नोडल अधिकारी भी नियुक्त किए जाएं। जो इनके खाने-पीने और स्वास्थ्य इत्यादि का ध्यान रखेंगे। इन कैंप में सोशल डिस्टेंसिंग का विशेष ध्यान रखें।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि सभी मुख्य मार्गों के साथ-साथ ऐसे रिलीफ कैंप स्थापित कर लोगों को रास्तों पर रहने की अनुमति बिल्कुल नहीं दें। इसके अलावा जिला स्तर पर कॉल सेंटर भी स्थापित किए जाएं। आपदा के दौरान सहायता के लिए विभिन्न समाजसेवी संस्थाओं को भी जोड़ा जाए। उनके लोगों को जिम्मेदारी देकर कार्य करने दें। राधा स्वामी सत्संग समेत अनेक सामाजिक संस्थाओं ने हर तरह की मदद की पेशकश की है।

हर ऐसे आश्रय स्थल पर एक अधिकारी नियुक्त किया जाना चाहिए, जो लोगों के खाने-पीने समेत विभिन्न जरूरतों का ध्यान रख सके। हर आश्रय पर सरकार की ओर से स्वास्थ्य तथा सफाई सुविधा का प्रबंध सरकार की ओर से करें। गर्म भोजन की व्यवस्था जहां तक संभव हो किसी स्थानीय गैर-सरकारी संस्था को दें। इसके अलावा जो बुजुर्ग या असहाय व्यक्ति अकेले रह रहे हैं, उनका ध्यान रखने की भी व्यवस्था करें।



129 राहत-आश्रय गृह बनाए, 29328 श्रमिकों के लिए भोजन व्यवस्था


हरियाणा सरकार ने पलायन कर रहे मजदूरों के भोजन और आवास के लिए व्यापक प्रबंध किए हैं। जिलों में 129 राहत शिविर व आश्रय गृह बनाए हैं, इनमें 29328 श्रमिक रुके हैं, जिन्हें भोजन दिया जा रहा है। मुख्य सचिव केशनी आनंद अरोड़ा रविवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से वरिष्ठ अधिकारियों के साथ संकट समन्वय समिति की बैठक कर रही थीं। इस दौरान उन्हें जिलों में किए गए प्रबंधों की जानकारी दी गई।

उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि राहत व आश्रय ग्रहों पर प्रत्येक मजदूर की थर्मल स्क्रीनिंग के साथ-साथ सभी प्रकार की चिकित्सा जांच करें और अगर किसी में कोई भी लक्षण दिखाई दें तो ऐसे मजदूरों के क्वारंटीन करने की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। हर जिले में बाहरी मजदूरों को तुरंत राहत व आश्रय गृहों में स्थानांतरित करें। उन्होंने अधिकारियों को शिविरों की संख्या बढ़ाने के भी निर्देश दिए।

जिलों में स्टेडियमों को अस्थायी जेलों में परिवर्तित करना पड़े तो किया जाए, ताकि पैदल चलने वाले मजदूरों को वहां रखकर खाने-पीने की संपूर्ण व्यवस्था कर सकें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि औद्योगिक इकाइयों को कारखानों में काम करने वाले श्रमिकों को वेतन देने के लिए कहा जाए। यह भी सुनिश्चित करें कि वे श्रमिकों को रहने और भोजन की सुविधा दें। भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के मजदूरों के रहने व खाने-पीने की व्यवस्था वही करेंगे। सभी जिला प्रशासन के अधिकारी एनएचएआई के साथ समन्वय स्थापित कर श्रमिकों के रहने व खाने-पीने की व्यवस्था सुनिश्चित करें।